Berojgari Ki Samasya :- बेरोजगारी की समस्या

 Berojgari Ki Samasya :-  लगभग दुनिया के सभी देशों में बढ़ती जनसंख्या ने बेरोजगारी को आज विस्फोटक स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। बेरोजगारी किसी भी देश के विकास में प्रमुख बाधाओं में से एक है जो प्रगति के मार्ग को तेजी से अवरुद्ध करती है। दोस्तों अगर बेरोजगारी के बारे में पूरा जानकारी चाहिए तो शुरू से अंत तक इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें।

बेरोजगारी का अर्थ :-

एक कुशल और प्रतिभाशाली व्यक्ति को कई कारणों से उचित नौकरी न मिलना ही बेरोजगारी है। अर्थात जब किसी व्यक्ति को अपनी जीविका के लिए कोई काम नहीं मिलता है, तो उसे बेरोजगार कहते हैं और उसकी इस समस्या को बेरोजगारी कहते हैं। बेरोजगारी का अर्थ है इच्छा एवं योग्यता होते हुए भी व्यक्ति को उचित रोजगार काम मिलना है।

बेरोजगारी के प्रकार-

(i) छिपी बेरोजगारी

(ii) बेरोजगारी के कारण

(iii) उद्योगो के विकास में कमी

(iv) ऐच्छिक बेरोजगारी

(vi) शिक्षित बेरोजगारी

(vii) चक्रीय बेरोजगारी

(i) छिपी बेरोजगारी :-

यह बेरोजगारी प्रत्यक्ष रूप से नहीं दिखाई देती है। इसीलिए इसे छिपी बेरोजगारी कहते हैं। यह बेरोजगारी कृषि क्षेत्र में दिखाई देती है। यहां आवश्यकता से अधिक लोग काम में लगे होते हैं। यदि उनमें से कुछ लोगों को हटा दिया जाए, तब भी उत्पादन में कोई कमी नहीं होगी।

(ii) बेरोजगारी के कारण:-

वर्तमान समय में बेरोजगारी कई कारणों पर निर्भर करती है। जिनमें प्रमुख कारण निम्नलिखित है।

(iii) उद्योगो के विकास में कमी :-

देश में उद्योगो का विकासबहुत धीमी है, । जिससे लोगो को रोजगार नहीं मिल है पाता ।

(iv) ऐच्छिक बेरोजगारी :-

ऐसा व्यक्ति जो बाजार में प्रचलित मजदूरी दर पर काम करने को तैयार नही है अर्थात वह ज्यादा मजदूरी की मांग कर रहा है और ज्यादा मजदूरी मिल नही रही है इस कारण वह बेरोजगार है।

(v) शिक्षित बेरोजगारी :-

शिक्षित बेरोजगारी शिक्षित या पढ़े लिखे लोगों में होती है क्योंकि ये लोग शिक्षित नौकरी ही चाहते हैं। लेकिन नौकरियों की संख्या इतनी अधिक नहीं है कि सभी को नौकरी दी जा सके। इस कारण भारी संख्या में शिक्षित लोग बेरोजगार हैं।

(vi) चक्रीय बेरोजगारी :-

इस तरह की बेरोजगारी अर्थव्यवस्था में चक्रीय उत्पन्न कर देती है। जब अर्थव्यवस्था में समृद्धि का दौर लग जाता है तो उत्पादन बढ़ता है और रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं। और जब मंदी का दौर आता है तो उत्पादन कम होने से कम लोगों की जरुरत होती है जिसके कारण बेरोजगारी बढती है। Berojgari Ki Samasya 

बेरोजगारी के कारण-

(i) जनसंख्या वृद्धि

(ii) शिक्षा प्रणाली

(iii) नए रोजगारों की कमी

(iv) गरीबी

(V) कृषि क्षेत्र का पिछड़ापन

(vi) मशीनीकरण

(vii) बेरोजगारी दूर करने के उपाय

(i) जनसंख्या वृद्धि :-

तेजी से बढ़ती जनसंख्या बेरोजगारी के प्रमुख कारणों में से एक है। देश की जनसंख्या जिस गति से बढ़ रही है, उस गति से उद्योग, नौकरियां और राष्ट्रीय आय में वृद्धि नही हो रही है। जिसके कारण बेरोजगारी बढ रहा है। देश की जनसंख्या में :- तेजी से होती वृद्ि बेरोजगारी के प्रमुख कारणों में से एक हैं। Berojgari Ki Samasya 

(ii) शिक्षा प्रणाली :-

किसी भी देश की शिक्षा प्रणाली उस देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्तर पर अपना प्रभाव डालती है। बेरोजगारी की समस्या का एक प्रमुख कारण दोषपूर्ण शिक्षा प्रणाली है। दोषपूर्ण शिक्षा प्रणाली से मतलब शिक्षा का अभाव यानी अशिक्षा से है। यही कारण है की भारत में बेरोजगारी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही है। हमारे देश में शिक्षा की कमी बेरोजगारी का एक मुख्य कारण है, क्योंकि हमारे देश में रोजगार प्रदान करने वाले शिक्षा नही बल्कि सिर्फ किताबों तक सीमित रहने वाली शिक्षा प्रणाली हैं।

(iii) नए रोजगारों की कमी :-

कई तकनीकी समस्याओं और बढ़ती जनसंख्या के कारण रोजगार क अवसर नहीं बढ़ पा रहे हैं। अतः लोगों को पर्याप्त रूप से रोजगार उपलब्ध नहीं हो पाते। क्योंकि रोजगार बढ़ नहीं रहे हैं। Berojgari Ki Samasya 

(iv) गरीबी :-

निर्धनता किसी भी व्यक्ति के बेरोजगार होना एक प्रमुख कारण है । भारत में निर्धनता के कारण लोगों को उचित संसाधन उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। इसके अलावा निर्धन व्यक्ति एक अच्छी से अच्छी शिक्षा से भी वंचित रह जाता है तो वह एक अच्छा रोजगार नहीं प्राप्त कर पाता है। और वाह बेरोजगार रह जाता हैं।

(V) कृषि क्षेत्र का पिछड़ापन :-

भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसकी संपूर्ण जनसंख्या कृषि पर निर्भर करती है। और वर्तमान में जनसंख्या विस्फोट के कारण कृषि क्षेत्र काफी पिछड़ गया है।

(vi) मशीनीकरण :-

आज कल कार्यों को पूरा करने के लिए मशीनों का उपयोग किया जाने लगा है। पहले रोजगार के आधे से ज्यादा कार्य लोगों द्वारा पूरे किए जाते और बेरोजगार जैसी समस्या कम ही थी परन्तु वर्तमान में लगभग सभी कार्य मशीनों द्वारा ही किए जाते हैं। अतः मशीनीकरण से कई लोगों का रोजगार छिन जाने के कारण देश में बेरोजगारी की समस्या में वृद्धि होने लगी है।

(vii) बेरोजगारी दूर करने के उपाय:-

बेरोजगारी को संपूर्ण रूप से दूर नही किया जा सकता। सही दिशा में कुछ प्रयास करने से वो कम हो सकती है। सबसे पहले हमें जनसंख्या को काबू करना होगा। जनसंख्या काबू में करने के लिए हमें खुद से जागरूक होना पड़ेगा। सरकार को छोटे छोटे बिज़नेस को बढ़ावा देना होगा। इसके लिए कई निति नियम बनाने होंगे। यदि ज्यादा से ज्यादा मात्रा में छोटे से छोटे बिज़नेस को भी बढ़ावा दिया जाएगा तो युवायों को ज्यादा से ज्यादा नौकरिया मिलेंगी।

स्व-रोजगार को सरकारी सहायता के साथ और अधिक प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। भारत एक कृषि प्रधान देश है। सरकार को प्रत्येक क्षेत्र विशेष रूप से कृषि के सुधार पर ध्यान देना चाहिए। बेहतर सिंचाई सुविधाएं, बेहतर कृषि उपकरण, बहु फसल चक्रण और फसल प्रबंधन के बारे में ज्ञान के प्रसार पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

हमें अपनी पुरानी शिक्षा नीति को बदलना होगा। हमारे व्यावसायिक तथा तकनीकी शिक्षा पर अधिक से अधिक जोर देना होगा। भारत सरकार ने बेरोजगारी को दूर करने के लिए कई कदम उठाए हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और राजीव गांधी स्वावलंबन रोजगार योजना जैसी योजनाएं भारत में बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए सरकार द्वारा की गई पहल हैं।

बेरोजगारी की समस्या के लिए समाधान :-

बेरोजगारी की संपूर्ण दूर नही किया जा सकता। सही दिशा में कुछ प्रयास करने से वो कम हो सकती है। सबसे पहले हमें जनसंख्या कम करने के लिए खुद जागरुक होना पड़ेगा ।दुसरी चीज यह है कि शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन लाना बहुत आवश्यक है। व्यावसायिक तथा तकनीकी शिक्षा पर अधिक जोर देना होगा ।लोगो के लिए रोजगार के अधिक अवसर बनाने के लिए सरकार को औधोगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने की जरूरत है । साथ ही सरकार की अधिक रोजगार पैदा करने के लिए विदेशी कंपनियों को अपनी इकाइयों को देश में खोलने के लिए प्रोत्साहित करवाना चाहिए। Berojgari Ki Samasya 

बेरोजगारी एक अभिशाप

बेरोजगारी हमारे देश के लिए अभिशाप बन गई है। वो देश के युवा लोगों की मानसिक शांति छीन लेती है। देश के युवाओ को तनावग्रस्त जीवन जीने पर मजबूर कर देती है। बेरोजगारी के कारण देश के कई लोग निर्धनता और भुखमरी के शिकार हो जाते है।

युवाओं में बढ़ता आक्रोश चोरी, डकैती, हिंसा, अपराध और आत्महत्या जैसे अपराध करने पर मजूर कर देता है। बेरोजगारी निराशा और असंतोष का कारण बनती है और विनाशकारी दिशाओं में युवाओं की ऊर्जा को नष्ट कर देता है। और बेरोजगारी के कारण युवाओं को मानसिक रूप से बचने के लिए लोग ड्रग्स और शराब की बुरी लत से ग्रस्त हो जाते हैं।

उपसंहार

भारत में बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है। भारत में शिक्षा का आभाव, रोजगार के लिए पर्याप्त उद्योगो की कमी, शासन की नाकामी जैसे कई कारणों से बेरोजगारी जन्म लेती है।

आज बेरोजगारी की स्थिति इतनी बढ़ चुकी है कि अगर इस पर अंकुश न लगाया गया तो देश की आर्थिक, सामाजिक, भौतिक एवं राजनीतिक दशा को हिला सकती है। यदि बेरोजगारी की बात भारत के मामले में की जाए तो इसकी स्थिति बहुत ही बेकार है यदि इस स्थिति में सुधार कर देती है तो निश्चित ही रूप से हमारा भारत देश विकसित देशों की श्रेणी में आ सकता है।

भारत सरकार के द्वारा बेरोजगारी को दूर करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम भी उठा रही है। समय आ गया है। कि भारत सरकार के साथ लोगों को साथ मिलकर एकता बनाकर इस समस्या का सामना करें Berojgari Ki Samasya

बेरोजगारी देखने में तो केवल एक हीं आर्थिक समस्या नजर आती हैं, परन्तु इसका सम्बन्ध समाज की शांति व्यवस्था और युवकों के मनोविज्ञान से भी है। हलांकि सरकार के द्वारा बेरोजगारी को खत्म करने के लिए बहुत से कदम उठाये जा रहे है। परंतु परिणाम संतोषजनक नहीं मिलें है।

अत: यह आवश्यक है कि सभी मिलकर इस समस्या का समाधान निकालनें की कोशिश करें ।


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