Advantages of drinking Giloy juice Peene se kya kya fayde Hote Hain :-गिलोय का जूस पीने के फायदे पीने से क्या फायदे होते हैं

Advantages of drinking Giloy juice Peene se kya kya fayde Hote Hain:- गिलोय किया है और गिलोय किया किया काम करती है गिलोय में किया किया विसेस्ता पाया जाता है गिलोय में किया किया प्रोटीन पाया जाता है। गिलोय कितना फायदे मंद है मनुष्य के शरीर के लिए और कितना नुकसान है। इसके बारे में हम इस आर्टिकल के माध्यम से आप लोगों को बता देना चाहता हूं कि गिलोय कितना फायदेमंद है यह कितना नुकसान करता है अगर आप लोग गिलोय के बारे में जानना चाहते हैं जो मेरे इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक ध्यान पूर्वक जरूर पढ़ें।

जब से करोना वायरस विश्व भर में पाया गया है तब से लेकर अभी तक गिलोय का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि गिलोय में हर एक तरह का विटामिन पाया जाता है और इसके जूस पीने से मनुष्य के शरीर को स्वस्थ रखता है। तब से लोग अपने शरीर पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं कोविड-19 शुरुआत से अभी तक गिलोय रस या गिलोय का काढ़ा का उपयोग काफी बढ़ गया है। इसीलिए आज हम गिलोय से संबंधित सभी जानकारी आप लोगों को देने जा रहे हैं। इसी आर्टिकल के माध्यम से ध्यानपूर्वक में जानेंगे कि गिलोय क्या होता है और क्या काम करती हैं गिलोय का रस पीने से कितना फायदेमंद और कितना नुकसान होता है।(Advantages of drinking Giloy juice)

गिलोय क्या होता है।(What is Giloy)

दोस्तों अगर हम गिलोय की बात करें तो गिलोय का पौधा कैसा होता है। कुछ लोग सोचते है कि गिलोय का पेड़ होता है की लातीदार होता है तो दोस्तों हम आप लोगों को बता दे कि गिलोय एक लातीदार होता है। जैसे कि कद्दू, करैला, नेनुवा, आदि का पौधा लतीदार होता है और उसी तरह से गिलोय का पौधा भी लत लातीदार होता है।
और तो और जो अन्य पौधा या वास्तु को चारों ओर लपेट लेता है तो उस पेड़ को या उस वस्तु को लपेटते हुए पेड़ या वस्तु को ऊपर की जाने लगता है तो और इस गिलोय जिस पौधे पर चढ़ने लगती है तो जिस पौधे पर चढ़ती है तो उसी का गुण इस गिलोय में आ भी जाता है इसीलिए नीम के पेड़ पर वाला चढ़ा हुआ गिलोय को बहुत बढ़िया माना जाता है उस गिलोय को सबसे अच्छा भी माना जाता है (Advantages of drinking Giloy juice)

Note… Advantages of drinking Giloy juice Peene se kya kya fayde Hote Hain गिलोय का जूस पीने के फायदे पीने से क्या फायदे होते हैं और उस पेड़ को गिलोय धीरे-धीरे कुछ महीनों या साल में नष्ट कर देता है।

गिलोय के पौधे के पतिया, तना एंव जुड़े का उपयोग कर रस या काढ़ा बनाया जाता है। इसीलिए गिलोय का तना रस्सी जैसा होता है तथा इसका पता पान के पत्ते जैसा होता है। और इस पौधे में हरे रंग का फूल लगते हैं। जो गुच्छा के रुप में होता है इसके सवाद के बारे में बताएं तो ये कड़वा एवं कैसैले होते हैं।

और गिलोय की उत्पत्ति के संबंध के बारे में कहा जाता है कि जब समुंद्र मंथन हो रहा था तो अमृत कलश के छलक ने से उसकी अमृता की बूंदे जहां गीरी व हां गिलोय का पौधा का उत्पत्ति हो गया था अमृत के गिरने से इस पौधा की उत्पत्ति के कारण इसे अमृता गिलोय भी कहा जाता है। भारतीय विज्ञान के पिता चरक ने भी अपनी पुस्तक चरक सहिता में इसे विस्तार से इसे वर्णन किया गया है

गिलोय के वैज्ञानिक नाम एवं अन्य नाम

आप लोग को जानकारी दे दें की गिलोय का वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कोर्डीफोलिया है। और अन्य नामों की बात करें तो अमृता, गालो, गुलवेल, गिलाई, गोधची, गुडची छित्ररुहा चकांजी, गूर्च मधुपाजी, जीवंतिका,गिलो
आदि के नाम से लोग भी जाने जाते हैं।(Advantages of drinking Giloy juice)

गिलोय में पाए जाने वाले पोषक पदार्थ

आप लोग को बता दे कि इसमें से आयरन, फास्फोरस, जस्ता, केल्सियम, मैगनीज, तांबा, पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं और तो इसमें ग्लूकोसाइड, टीनोस्पोरिन,
टीनोस्पोरिक अम्ल भी पाया जाता है और साथ हि साथ गिलोय एंटीऑक्सीडेंट, ऐंव एंटी इन्फ्लेमेटरी,या एंटी कैंसर,या एंटी स्ट्रेस गुणों से भरपूर भी होते हैं।

डायबिटीज में लाभदायक

और आप लोग को जानकारी होना चाहिए कि जब इंसुलिन हार्मोन की कमी होती है तो खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ती जाती है क्योंकि क्योंकि इंसुलिन हार्मोन हि ग्लूकोज को लाइकोजन में भी बदलता रहता है।और खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ती जाती है। तो एक रोग भी हो जाता है और जिसे डायबिटीज भी कहां जाता है। इन रोगियों के लिए गिलोय का पौधा बहुत उपयोगी भी होता है। गिलोय में पाए जाने वाले हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट्स
खुन में शुगर की मात्रा बढ़ीती है तो उसको बढ़ने से रोकता है।

शरीर में से विषैले पदार्थ को बाहर निकालने में उपयोगी

शरीर में से विषैले पदार्थ को बाहर निकालने के लिए दोस्तों हम आप लोगों को पता दे कि शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर कैसे निकाला जाता है। शरीर में होने वाले क्रियाओं के कारण विषैले पदार्थों का निर्माण होता है तो उसे बाहर निकालना बहुत अति आवश्यक है। गिलोय की बात करें तो यह एंटीटॉक्सिन गुणों में से भरपूर होती है जो हमारे शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकाल देती है।और तो और खून को स्वच्छ बनाए रखता है।

डेंगू बुखार में लाभदायक

डेंगू बुखार वायरस से होने वाला रोग है और जो मादा
एनाफिलीज मच्छर काटती हैं तो उसी एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है । यह रोग होने से शरीर में नुकसान या प्लेटलेट्स की मात्रा भी कम हो जाती है और इसी लिए अगर गिलोय की बात करें तो यह बहुत सारे पोषक की तत्वों से भरपूर होती है इसके साथ-साथ इनमें से इम्यूनोमोड्यूलेटरी के गुण भी पाए जाते हैं। और तो और जो हमारे शरीर में है जो रोग प्रतिरोधक के क्षमता को बढाकर कई रोगों से लड़ती हुई आती है और इसके सेवन से शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा भी बढ़ जाति है। और डेंगू बुखार खत्म हो जाता है।


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