Vayu Pradushan Kya Hai :-वायु प्रदूषण क्या है?

Vayu Pradushan Kya Hai :-दोस्तों हम आप लोगों को बता दें कि प्रदूषण विश्व की एक सबसे बड़ी समस्या है, जो कम होने की बजाय प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।दोस्तों अगर आप भी वायु प्रदूषण के बारे में जानना चाहते हैं तो मेरे इस आर्टिकल को शुरू से अंत तक जरूर पढ़ें और दोस्तों को शेयर कर दे ताकि वह भी वायु प्रदूषण से सुरक्षित रह सके

दोस्तों अगर प्रदूषण की वजह से पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव-जन्तुओं को विभिन्न प्रकार की घातक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। प्राकृतिक संतुलन में भी प्रदूषण के कारण दोष पैदा हुआ है। प्रदूषण के प्रकार – प्रदूषण के कुछ सबसे महत्वपूर्ण प्रकार वायु प्रदूषण } जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण है।

(1). वायु प्रदूषण :-

दोस्तों हम आप लोगों को बता दें कि यह सबसे खतरनाक प्रदूषण है। वायु प्रदूषण का मुख्य कारण उदयोगों और वाहनों से निकलनेवाला धुआं है। वायु प्रदूषण के कारण वायुमंडल में कार्बनडाइ आक्साईड का मुख्य कारण उदयोगों और वाहनों से निकलनेवाला धुआं है। वायु प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है।

दोस्तों हम इससे पृथ्वी के उपरवाला ओजोन गैस का सुरक्षा चक्र बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।दोस्तों वायु प्रदूषण को सबसे खतरनाक प्रदूषण माना जाता है। इस प्रदूषण का मुख्य कारण उद्योगों और वाहनों से निकलने वाला धुआ है।

इन स्त्रोतों से निकलने वाला हानिकारक धुंआ लोगो के लिए सांस लेने में भी बाधा उत्पन्न कर देता है। दिन प्रतिदिन बढ़ते उद्योगों और वाहनों ने वायु प्रदूषण में काफी वृद्धि कर दी है। जिसने ब्रोंकाइटिस और फेफड़ो से संबंधित कई तरह की स्वास्थ स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी कर दी है।

(2) जल प्रदूषण उदयोगों और घरों से :-

निकला हुआ कचरा कई बार नदियों और अन्य जल स्त्रोती में मिल जाता है, जिससे यह उन्हें प्रदूषित कर देता है। जल प्रदूषण के कारण अनेक बीमारीयाँ पैदा होती है। जल प्रदूषण भी सीधे पूरी समुद्री जीवन को प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा मुद्दा है क्योंकि वे केवल अपने जीवित रहने के लिए हीं पानी में पाए जाने वाले जीव पोषक तत्वों पर निर्भर करते हैं।

समुद्री जीवन का धीरे-धीरे गायब होना वास्तव में इंसानों और जानवरों की आजीविका को प्रभावित करेगा। कारखानों, उद्योगों, सीवेज,सिस्टम, आदि से निकलने वाले हानिकारक कचरे की सीधे पानी के मुख्य स्त्रोतों जैसे नदियों, झीलों और महासागरों में डाला जिससे पानी दूषित हो जाता है। जाता है दूषित पानी पीने से विभिन्न जल जनित रोग हो जाता है।

(3) मृदा प्रदूषण मिट्टी में होनेवाले प्रदूषण :-

दोस्तों अगर मृदा प्रदूषण कहते है। यह मुख्यत: खेती में अत्यधिक कीटक-नाशक का उपयोग करने से या ऐसे पदार्थ जिसे मृदा में नही होना चाहिए उसके मिलने पर होता है। शहरीकरण और औद्योगिकीकरण बढ़ने से मृदा प्रदूषण बढ़ रहा है। Vayu Pradushan Kya Hai

मृदा प्रदूषण उर्वरकों, फफूंदनाशकों, कीटना – शकों और अन्य रासायनिक यौगिकों के अत्यधिक उपयोग के के कारण होता है। यह मिट्टी पर पैदा होने वाली फसल को दूषित करता है और जब इनका सेवन किया जाता है तो इससे गंभीर स्वास्थ्य खतरे हो सकते हैं।

(4) ध्वनि प्रदूषण –

ध्वनि प्रदूषण किसी भी प्रकार के अनुपयोगी ध्वनि को कहते है। इस प्रदूषण से मानव और जीव जन्तुओं को परेशानी होती है। कल-कारखानों का शोर, याता- यात का शोर, मोटर गाड़ियों की आवाज, – लाउड स्पीकरों की कर्णभेदक ध्वनि आदि -से यह प्रदूषण होता है।

प्रदूषण से हानियां-

बढ़ती हुई जनसंख्या और औद्योगीकरण ने प्रदूषण की समस्या पैदा कर दी है। कारखानों के धुएँ से विषैले कचरे के बहाव से तथा री हो या नरस साक्षर जहरीली गैसों के रिसाव से आज मानव-जीवन समस्याग्रस्त हो गया है। इस प्रदूषण से मनुष्य जानलेवा बीमारियों का शिकार हो रहा है।कोई अपंग होता है तो कोई बहरा, किसी की देखने की शक्ति नष्ट हो जाती है तो किसी का जीवन ।

विविध प्रकार की शारीरिक विकृतियाँ मानसिक कमजोरी, असाध्य कैंसर जैसे रोगों का मूल कारण विषैला वातावरण ही है। प्रदूषण के कारण मानव के स्वस्थ जीवन को खतरा पैदा हुआ, है। प्रदूषण के कारण मानव खुली हवा में लंबी साँस लेने के लिए तरस रहा है। प्राकृतिक असंतुलन पैदा हो रहा है। कई तरह के जीव और प्रजातियाँ प्रदूषण के कारण विलुप्त होने जा रही है।

प्रदूषण की समस्या का समाधान:-

वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए वृक्षारोपण करना चाहिए। दूसरी ओर वृक्षों के अधिक कटाव पर भी रोक लगायी जानी चाहिए। कारखाने और मशीनें लगाने की अनुमति उन्हीं लोगों को दी जानी चाहिए जो औद्योगिक कचरे और मशीनों के धुएँ को बाहर निकालने की समुचित व्यवस्था कर सकें।Vayu Pradushan Kya Hai

तेज ध्वनि वाले वाहनों पर साइलेंसर आवश्यक रूप से लगाए जाने चाहिए तथा सार्वजनिक रूप से लाउडस्पीकरों आदि के प्रयोग पर रोक लगानी चाहिए। Vayu Pradushan Kya Hai

प्रदूषण से पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ों की कम-से-कम कटाई की जानी चाहिए। पर्यावरण प्रदूषण के लिए सरकार को उचित कदम उठाने होंगे और इसके विरुद्ध नए कानून जारी करने होंगे।हर मनुष्य को कूड़े के ढेर और गंदगी के आदि को जल या जलाशय में नही डालना चाहिए।

मनुष्य को कोयला और पेट्रोलियम जैसे उत्पादों का बहुत कम प्रयोग करना चाहिए और जितना हो सके प्रदूषण से रहित विकल्पों को अपनाना चाहिए।मनुष्य को सौर ऊर्जा, सीएनजी, वायु ऊर्जा, बायोगैस,गैस, पनबिजली इत्यादि। का अधिक प्रयोग करना चाहिए।

ऐसा करने से वायु का प्रदूषण और जल का प्रदूषण को कम करने में बहुत आसानी या सहायता मिलती है। नदियों के जल को कचरे से बचाना चाहिए और पानी को रिसाइक्लिंग की सहायता से पीने योग्य बनाना चाहिए।

प्लास्टिक के बैगों का कम प्रयोग करना चाहिए और जिन्हें रिसाइकल किया जा सके उनका प्रयोग अधिक करना चाहिए। प्रदूषण को खत्म करने के लिए कानूनों और नियमों का पालन करना चाहिए

 

प्रदूषण की रोकथाम के उपाय :-

प्रदूषण कम करने के लिए हमें लोगों में जागरूकता पैदा करनी होगी। वनों के विनाश को रोकना होगा। अधिक से अधिक पेड-पौधे लगाने होंगे। वर्षा के जल को संचित करके उसका पुन : उपयोग करना चाहिए।

सरकार को भी समय-समय पर प्रदूषण के खिलाफअभियान चलाने होंगे। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए हमें अधिक मात्रा मे पेड़ लगाने चाहिए। साथ ही वहां पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है वहां पर रोक लगानी चाहिए जल प्रदूषण को कम करने के लिए हमें साफ सफाई की ओर अधिक , ध्यान देना होगा।Vayu Pradushan Kya Hai

जल प्रदूषण के लिए जो भी फैकि फैक्ट्रियों और कारखाने जिम्मेदार है उनको बंद कर देना चाहिए।ध्वनि प्रदूषण अधिकतर मानव द्वारा ही किया जाता है इसलिए अगर हम स्वय हॉर्न बजाना बंद कर दें और मशीनो की नियमित रूप से अगर

आवाज प्रदूषण देखभाल करें तो उन से नहीं आएगी और ध्वनि में कमी आएगी। के लिए रसायनिक खाद कृषि के के स्थान पर जैविक खाद (हरी खाद आदि खली की खाद, गोबर खाद का इस्तेमाल करना करना चाहिए। Vayu Pradushan Kya Hai

उपसंहार:-
प्रदूषण एक बहुत गंभीर समस्या है। प्रदूषण कम स्तर प्रयास करने की आवश्यकता है।करने के लिए हर व्यक्ति को अपने हमारा कर्तव्य है कि, हम प्रदूषण के खिलाफ अपना योगदान देकर पर्यावरण की सुरक्षा करें। प्रदषण एक बड़ी पर्यावर- णीय समस्या बनती जा रही है।

जो ईश्वर रूपी प्रकृति व मानवीय जीवन को विनाश की खाई मे ढकेल रही है यदि इसके निवारण व नियंत्रण को नजरअंदाज किया तो अन्य खतरा यह समस्या मानव जीवन व प्राणियों के लिए एक बड़ा बन कर उभरेगी जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी भोजन, हवा, पानी आदि

अनेक चीनों के लिए तरसेगी इसलिए हमें पर्यावरण संरक्षण की तथा तरफ कदम बढ़ाने होंगे हमें जन-जन में प्रदूषण नियंत्रण संबधित जानकारी के प्रति जागरूकता फैलानी होगी। जब तक हमारे पूरे देश के लोग जागरूक नहीं होंगे तब तक किसी भी प्रकार के प्रवृषण को कम करना मुमकिन नही है।

भारत सरकार प्रदूषण की समस्या के प्रति जागरूक है। उसने 1974 ई0 में ‘जल प्रदूषण निवारण अधिनियम’ लागू किया था। इसके अन्तर्गत एक ‘केंद्रीय बोर्ड’ तथा प्रदेशो में ‘प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड’ गठित किये गए है।Vayu Pradushan Kya Hai

इसी प्रकार नये उद्योगों को लाइसेंस देने और वनों की कटाई रोकने की दिशा में कठोर नियम बनाए गए हैं। इस बात के भी प्रयास किये जा रहे हैं कि नये वन क्षेत्र बनाए जाएँ और जन-सामान्य को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया जाए। न्यायालय द्वारा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को महानगरों से बाहर ले जाने के आदेश दिये गए हैं।

यदि जनता भी अपने ढंग से इन कार्यक्रमों में सक्रिय सहयोग दे और यह  संकल्प ले कि जीवन में आने वाले प्रत्येक शुभ अवसर पर कम से कम एक वृक्ष अवश्य लगाएगी तो निश्चित ही हम प्रदूषण के दुष्परिणामों से बच सकेंगे और आने वाली पीढ़ियों को भी इसकी काली छाया से बचाने में समर्थ हो सकेंगे।


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