Paryavaran Ka Mahatva jane :-पर्यावरण का महत्व क्या है?

Paryavaran Ka Mahatva jane :- परि और आवरण से मिलकर पर्यावरण शब्द बना है जिसका अर्थ है ‘चारों तरफ से घिरा हुआ। नदी, तालाब, भूमि, वायु पौधे, पशु-पक्षी आदि बनकर पर्यावरण का निर्माण करते हैं। पर्यावरण मनुष्यों के साथ- साथ धरती पर अन्य जीवों के लिए भी जीवन को प्रभावित करता है।

दोस्तों अगर आप भी पर्यावरण के बारे में पढ़ना चाहते हैं पर्यावरण सुरक्षा रखना चाहते हैं तो मेरे इस आर्टिकल को शुरू से ध्यान पूर्वक अंत तक जरूर पढ़ें और दोस्तों को शेयर कर दें ताकि वह भी पर्यावरण के बारे में जान सके और सुरक्षा रखें।

सन् 1973 से प्रत्येक वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है । पर्यावरण के प्रति लोगो को जागरूक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। पर्यावरण सभी प्रकार के जैविक व अजैविक घटकों और घटनाओं से मिलकर बनता है सभी मानवीय गतिविधियां पर्यावरण को बड़े स्तर पर प्रदूषित कर दिया है।

अपने पर्यावरण को बनाए रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधा लगाना चाहिए । प्रकृति में हस्तक्षेप किए बिना इसे स्वच्छ रखने के लिए और हरा भरा रखने के लिए हमारी जिम्मेदारी है।

पर्यावरण का रखेंगे हम ध्यान, अपने देश को बनायेंगे महान।

पर्यावरण

हमारे आस-पास पाये जानेवाले सभी पदार्थ, जीव-जन्तु, नदी-तलाब, खेत, पेड़-पौधा, हवा इत्यादि के समूह की पर्यावरण कहते है। पर्यावरण मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है, प्राकृतिक पर्यावरण और मानवनिर्मित पर्यावरण |

हमारे चारों ओर जो कुछ है, जैसे कि जैविक – अजैविक घटक, प्राकृतिक तथा मानवनिर्मित वस्तुएँ आदि इन सभी की हम पर्यावरण कहते है। यह हमें चारों ओर से घेरे हुए है। प्राकृतिक पर्यावरण में पेड़-पौधे, बगीचे, पर्वत, नदी, तालाब, हवा आदि शामील है।

पर्यावरण का महत्व क्या है?:-

पर्यावरण का हमार जीवन में बहुत महत्व है, पर्यावरण के द्वारा ही पृथ्वी पर जीवन संभव है यदि आज हम जीवित है तो उसमे बहुत बड़ा हाथ पर्यावरण का है। पर्यावरण के कारण ही हमारी अन्न पानी, हवा आदि मुलभुत आवश्यकताएँ पूरी होती है। एक अच्छा और स्वच्छ पर्यावरण हमें बेहतर जीवन जीने में मदद करता हैं। Paryavaran Ka Mahatva jane

धरती पर जीवन के लालन- पालन के लिए पर्यावरण प्रकृति का अनमोल उपहार है। पर्यावरण के कारण हमारी अन्न, पानी, हवा आदि मुलभुत आवश्यकताएँ पूरी होती है। हमारा पर्यावरण धरती पर स्वस्थ जीवन की अस्तित्व में रखने के लिए अहम् भूमिका निभाता है।

पर्यावरण पर मानव का प्रभाव :-

मनुष्य प्रकृति द्वारा बनाया गया सबसे बुद्धिमान प्राणी माना जाता है। उसने एक विज्ञान से प्रौदयोगिक विकास किया, तो दूसरी तरफ शहरीकरण और औदयोगि- कीकरण भी किया। उदयोंगो से निकलनेवाला धुआँ, दूषित पदार्थ आदि प्रदूषण की जन्म दें रहे हैं।

इस कारण जलप्रदूषण, वायुप्रदूषण हुआ है। जंगल कटाई के कारण मिट्टी- प्रदूषण हुआ है। इस तरह का प्रदूषण किसी गाँव और शहर की समस्या ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की समस्या है।

पर्यावरण संरक्षण के उपाय :-

हमारे जीवन का सबसे प्यारा सहारा पर्यावरण है। इसे बचाने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने होंगे। उदयोगों से निकलनेवाले दूषित पदार्थ का सही तरह से निस्तारण करना होगा।पर्यावरण की साफ-सफाई पर ध्यान दिना पड़ेगा ।

प्राकृतिक संसाधनी का विवेकपूर्ण उपयोग करना होगा। प्लास्टिक का प्रयोग बंद करना होगा। पर्यावरण दिवस पर लोगों को जागरूक करना होगा।

पर्यावरण संरक्षण आज के युग मे उत्यंत आवश्यक है। आज जहाँ दिन प्रतिदिन जनसंख्या बढ़ती जा रही है वहीं पर्यावरण हर दिन असुरक्षित होता जा रहा है। आज से कुछ सालो पहले अपना पर्यावरण कितना सुंदर हुआ करता था।

चारो ओर लहलहाते पेड़, झीले, नदियां आदि पर्यावरण को आकर्षक और सुंदर बनाते थे। पर आज इन सबकी संख्या निरंतर घटती जा रही है। पर्यावरण संरक्षण अब न किया गया तो इसके बेहद दुष्परिणाम होंगे। पर्यावरण के प्रति जागरुकता हमे पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगी, पर ये जागरुकता हमे फैलानी होगी।

विभिन्न प्रकार के पर्यावरण स्लोगन और सोशल मीडिया का उपयोग करके हमे अपने पर्यावरण को बचाना होगा। जनसंख्या में तीव्र वृद्धि, बनो की कटाई, शहरीकरण, फ्रिज, एसी आदि का इस्तेमाल ही पर्यावरण के लिए सबसे घातक हो रहा है। पर इससे निजात पाने के लिए हमे आगे आना होगा।

हम अपने साथियो और आसपास के लोगो को यह बताएं कि पर्यावरण संरक्षण कितना आवश्यक है। जिससे वो भी अन्य लोगों को बताएं। और ऐसे पर्यावरण के प्रति जागरुकता फलायेगें।

(1). पर्यावरण शब्द का अर्थ “परि + आवरण ” होता है। ” चारों तरफ ” पर्यावरण शब्द में ‘परि’ का अर्थ “चारों तथा ” आवरण” का अर्थ परिवेश घेरा परिधि होता है। हमारे आस-पास के वातावरण जैसे कि धूप, जंगल, हरियाली, खेत खलिहान और अन्य सभी प्राकृतिक वस्तु को प्राकृतिक वातावरण कहा जाता है।

(2). हमारा वातावरण हमारे जीवन का अहम भाग होता है और हम ये नहीं ठुकरा सकते कि हमारा जीवन बिना प्राकृतिक संसाधनों के असंभव है ।

(3). पृथ्वी की सभी जैविक और अजैविक चीजों जैसे कि जल-जीव, पेड़, झाड़ियों, बगीचा, नदी, झील हवा, धूप की किरण आदि शामिल है ।

(4). एक अच्छे जीवन की कल्पना एक अच्छे वातावरण और शुद्ध पर्यावरण की वजह से होता है ।

(5). पर्यावरण को बचाने के लिए अधिक से अधिक वृक्ष लगाना चाहिए ।

6. पर्यावरण बचाने के विभिन्न तरीकों को अपनाना चाहिए। जैसे- प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का प्रयोग न करना, कूड़ा कचरा इधर-उधर न फेंकना, वृक्ष काटने से बचना, जल बर्बाद होने से बचाना।

(7). पर्यावरण बचाने के लिए, लकड़ी, केरोसिन, कोयला, प्लास्टिक से बनी चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

(8). पर्यावरण दूषित होने के कारण, हमारे वायुमण्डल का तापमान बढ़ना, ओजोन परत की हानि: भूमि का अपव्यय 1. जल, वायु तथा हमारे आस-पास के परिवेश का दूषित होना एवं वनस्पतियों का विनष्ट होना, मानव का अनेक: नये रोगों से आक्रान्त होना अन्य कारण हैं ।. बहुत नये रोगों से आक्रान्त ‘होना’, अन्य बहुत से कारण हैं। Paryavaran Ka Mahatva jane

(9). पर्यावरण में हमें पेड़ से गिरे हुए पत्ते, सूखी घास, कूड़ा-करकट को जलाने की बजाय कम्पोस्ट बनाना चाहिए।

10- पेड़ पौधे लगाना, जल को साफ रखना और वायु में गंदे रासायनिक धुएँ को रोकना ही मानव का लक्ष्य होना चाहिए।

उपसंहारः-

पर्यावरण हमारे लिए अनमील है। उसने हमें बहुत कुछ दिया है। पर्यावरण के कारण ही हम जीवित रह सकते है। पर्यावरण हमारा जीवन है, इसलिए पर्यावरण की प्रढषण से मुक्त करने के जिम्मेदारी हमें निभानी होगी। आओ, संकल्प खुद में करते है, हरियाली से नाता जोड़ते है।


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